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1.Hinduva Soorya Maharana Pratap
"हिन्दुवा सूर्य महाराणा प्रताप " ग्रन्थ में मैंने ऐसे अनेक महत्वपूर्ण प्रसंगों को समाविष्ट करने का प्रयास किया है जिन्होंने भारतीय इतिहास को बड़ी गहराई से प्रभावित किया है ! संक्षेप में बप्पा रावल से लेकर महाराणा उदय सिंह तक एवं विस्तार से महाराणा प्रताप के इतिहास को इस ग्रन्थ में संजोया है ! विदेसी इतिहासकारों के द्वारा लिखा हुआ चापलूसी भरा एवं टुटा फुटा इतिहास वर्तमान इतिहास में भरा हुआ है ! मुझे बहुत दुःख हुआ । मैं मेवाड़ में रहा हु वहा की मिटटी का कण कण जिस इतिहास को गा रहा है वह इतिहास हमारे सामने नहीं है । मैंने इसकी गहराई में जाकर खोजा ,विश्लेषण किया ,चिंतन किया और अनेक महत्त्व पूर्ण तथ्य उजागर हुए । क्या आप जानते है कि बप्पा रावल पहला शाशक था जिसने केवल सिंध से ही नहीं तो सम्पूर्ण भारतीय सीमा से बाहर खदेड़ कर अरब मुस्लिम साम्राज्य को ऐसी करारी मार दी कि ख़लीपा के बग़दाद का साम्राज्य जर्ज रीत हो उठा । गजनी -खुराशन में अपनी दूसरी राजधानी स्थापित की ।
अनेक मेवाड़ के महारानाओ ने अनेक बार दिल्ली के सुल्तानों को पराजित कर भागने को बाध्य कर दिया । महाराणा कुम्भा एवं महाराणा सांगा ने तो दिल्ली सुलतान को केद कर माफ़ किया । महाराणा उदय सिंह ने युद्ध की नयी पद्धति -छापा मार युद्ध प्रणाली इजाद की। वे स्वयं तो इसका प्रयोग नहीं कर सके परन्तु महाराणा प्रताप ,महाराणा राज सिंह एवं छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसका सफल प्रयोग करते हुए मुगलों पर सफलता प्राप्त की । महाराणा प्रताप मुग़ल सम्राट अकबर से नहीं हारे । उसे एवं उसके सेनापतियो को धुल चटाई । हल्दीघाटी के युद्ध में प्रताप जीते ऐसा कुअवसर प्रताप के जीवन में कभी नहीं आया कि उसे घांस की रोटी खानी पड़ी अकबर को संधि के लिए पत्र लिखना पड़ा हो।अपने उतरार्ध के बारह वर्ष सम्पूर्ण मेवाड़ पर शुशाशन स्थापित करते हुए उन्नत जीवन दिया ।
यह सब मैंने अथवा भारतीय इतिहासकारों ने नहीं लिखा बल्कि मुस्लिम एवं पाश्चात्य साहित्यकारों ने लिखा है ,मैंने तो केवल विश्लेषित करते हुए मात्र उजागर किया है ।
it is a book about real history of Mewar Maharana Pratap Singh with photographs and real facts. book is written by VIJAY NAHAR and published by PINKCITY PUBLISHERS,JAIPUR.
book consists the actual history which is diffrent to the book written by other authors.
every one should read this book for understanding the real facts about our national heros.
book is highly appreciated by youngesters as well as seniors. so many reviews are published in newspapers and magazines about this book

LINKS: http://hinduvasooryamaharanapratap.blogspot.com/




2.SHIVAMBU SANJEEVANI-BOOK ABOUT URINE THERAPY.PUBLISHED BY MARUDHAR VIDHYAPEETH,PALI

3.Sheeladitya Samrat Harsh Vardhan Evam unka yug
पुस्तक का केन्द्रीय विषय सम्राट हर्षवर्धन है । साथ ही ४६७ से ८१० ई. तक के उत्तर भारत के राजवंशो एवं सम्राटो के विषय में ,जिसे वर्तमान में अन्धकार का युग मन जाता है ,तथ्यात्मक सामग्री उपलब्ध कराई गयी है ।
सम्राट हर्ष वीर ,साहसी ,कुशल राजनीतिग्य,मर्यादित महत्वकांक्षी,उदार चरित्र ,धार्मिक ,सामाजिक सहिष्णु ,लोक कल्याण में समर्पित ,कुशल प्रबंधक ,भारतीय संस्कृतिक मूल्यों में दृढ आस्थाशील एवं अद्भुत दानी एक अद्वितीय शाशक हुए है । इस काल में भारतीय व्यवस्था ,आर्थिक सम्रिध्धता ,उच्च नैतिक स्टार ,रास्ट्रीय भावो से ऒतप्रोत संस्कारित राष्ट्र जीवन की झलक के स्पष्टता  से दर्शन होते है ।
चक्रवर्ती गुप्त साम्राज्य के पतन ५५० ई . के उपरांत भी मगध में ७०० ई . तक वे उत्तरापथ्नाथ बने रहे । हूणों का उन्मूलन एवं उनका भारतीयकरण करने का श्रेय गुप्त सम्राटो एवं विशेष रूप से सम्राट भानुगुप्त बालादित्य एवं मालवा नरेश कुमार्माटी यशोधर्मा को है । 
परवर्ती गुप्त वंश चक्रवर्ती गुप्त सम्राटो के ही रक्त सम्बन्धी थे । इनका पूर्व पुरुष कृष्णगुप्त का पिता गोविन्द गुप्त चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य का बड़ा पुत्र वैशाली का प्रशाशक था ।
चक्रवर्ती गुप्तो की रिक्तता को हर्ष ने भरा ,हर्ष के पश्चात् की रिक्तता को गुप्त सम्राट आदित्यसेन ने ,उनके पश्चात की रिक्तता को भरा मौखिरी सम्राट यशोवर्मन ने उसके पश्चात कर्कोट नागवंश के सम्राट ललितादित्य मुक्तापिद एवं उनके पोते सम्राट विनयादित्य जयपीड ५५० से ८१० ई. तक निरंतर उत्तरापथ के सम्राट हुए है ।
उक्त सभी विषयो पर तथ्यात्मक सामग्री के साथ तार्किक द्रस्ठी से  महत्वपूर्ण सामग्री संकलित की है ।




4. Yugdristha Yugpurush Aacharya Tulsi
"Yugdristha Yugpurush Aacharya Tulsi " covers the Life story of Terapanth Acharya Tulsi. It consist various facts about thought of Tulsi to spread Terapanth Dharam Sangh World Wide. In the journey of Tulsi ,They never look back ,continuously succeeding forward with strong destination. they created major changes in the responsibilities of Sadhu and Shravak for making Terapanth popular in India as well as other countries . their strategy was very different and attractive which can not be done by previous Aacharya . Book is written by Vijay Nahar and published by Pink City Publishers,Jaipur
  



5.Oswal Nahar Vansh published by Marudhar Vidhyapeeth ,pali

book is about history of Oswal Nahar Vansh. it also describes about culture , godess and foundation of nahars. it is written by Vijay Nahar based on solid Referances and published by Marudhar Vidhyapeeth,Pali  


6. Samrat Yashovarman(Maukhiri Samrajya Ka Itihaas)
Bahut padh liya ab tak angrejo ka likha itihaas,aao milkar felaye hum asli bharat ka itihaas
First Research book on Samrat Yashovarman(Maukhiri Samrajya ka itihaas I 600-1200)

 http://samratyashovarmanbyvijaynahar.blogspot.com/


7. Swarnim Bharat Ka Swapndristha-

Narendra Modi 

गुजरात के दशकीय विकास और नरेंद्र मोदी के स्वर्णिम भारत की परिकल्पना को ३०० पृष्ठों में विश्लेषित करती राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रान्त प्रचारक विजय नाहर की कृति " स्वर्णिम भारत का स्वप्नदृष्टा नरेंद्र मोदी " का लोकार्पण राम नवमी को राजस्थान भा ज पा प्रदेशाध्यक्ष श्री अशोक परनामी ,श्री इन्द्रेश कुमार जी -आर एस एस ,श्री पुरुषोत्तम जी चतुर्वेदी ( अध्यक्ष - पाथेय कण ) द्वारा जयपुर में किया गया। पिंकसिटी पब्लिशर्स जयपुर द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के बाल्यकाल से लेकर युवावस्था तक के संघर्ष को विश्लेषणात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में मोदी का आर एस एस जीवन , अटल जी ,आडवाणीजी के साथ सम्बन्ध, ज्योतिषीय दृष्टि में मोदी और केजरीवाल बनाम मोदी जैसे तथ्यों को बहुत ही तार्किक दृष्टि से बताया गया है। 

LINKS: http://narendramodibyvijaynahar.blogspot.in/


8. Chingari

9.Bhikshu times

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